
प्रो कबड्डी लीग सीज़न 12 में हर दिन रोमांच बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब लीग में खेल से ज़्यादा विवाद सुर्खियों में हैं। सोमवार को चेन्नई के SDAT मल्टी पर्पज़ इंडोर स्टेडियम में खेले गए मैच नंबर 54 में दबंग दिल्ली ने हरियाणा स्टीलर्स को बेहद करीबी मुकाबले में 38-37 से हरा दिया। लेकिन मैच के बाद जो हुआ, उसने फैंस और खेल विशेषज्ञों को चौंका दिया।
मैच खत्म होने के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी हैंडशेक करने मैदान पर नहीं उतरे। यह पहला मौका है जब प्रो कबड्डी के इतिहास में खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाने से इनकार किया। हरियाणा स्टीलर्स की टीम रेफरी के फैसले से नाखुश थी और उन्होंने विरोधस्वरूप हाथ मिलाना टाल दिया।
मैच हाईलाइट्स: मुकाबले की शुरुआत – टक्कर में बराबरी
यह मुकाबला वैसे तो एक हाई-वोल्टेज टक्कर था — एक तरफ थे डिफेंडिंग चैंपियन हरियाणा स्टीलर्स, और दूसरी ओर टेबल टॉप कर रही दबंग दिल्ली। शुरुआती 10 मिनट दोनों टीमें कंधे से कंधा मिलाकर चल रही थीं। कप्तान आशु मलिक और विनय की जबरदस्त रेडिंग ने मैच को रोचक बनाए रखा। पहले स्कोर 8-8 से बराबर था, लेकिन फिर आशु ने कुछ शानदार रेड्स कीं और धीरे-धीरे दिल्ली ने बढ़त बनानी शुरू की।
दूसरे क्वार्टर में दिल्ली ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली। आशु मलिक ने अपनी रेडिंग से कमाल किया और डिफेंस में फज़ल अत्राचली ने विनय को एक शानदार टैकल से रोका। इसी दौरान दिल्ली ने हरियाणा पर पहला ऑल आउट किया और हाफ टाइम तक स्कोर 19-13 तक पहुंच गया।
तीसरे क्वार्टर में स्टीलर्स की वापसी की कोशिश
तीसरे क्वार्टर में हरियाणा ने थोड़ी मजबूती दिखाई। जयदीप दहिया ने दमदार टैकल्स किए और टीम ने सुपर टैकल्स के ज़रिए स्कोर को ज़्यादा नहीं बढ़ने दिया। लेकिन फिर आया एक और बड़ा झटका।
अशु मलिक ने एक जबरदस्त सुपर रेड करते हुए न सिर्फ दूसरा ऑल आउट कराया, बल्कि इसी के साथ अपने करियर का 100वां मैच भी यादगार बना डाला। उस वक्त स्कोर 30-19 हो चुका था और दिल्ली ने मैच पर मजबूत पकड़ बना ली थी।
आखिरी मिनटों में ड्रामा और कमबैक
लेकिन प्रो कबड्डी का असली मज़ा तो आखिरी मिनटों में ही आता है। विनय, अशिष नरवाल और जयदीप की तिकड़ी ने हरियाणा के लिए एक शानदार वापसी कराई। एक और ऑल आउट के बाद स्कोर 36-34 हो गया, और केवल 90 सेकेंड बचे थे।
विनय ने मल्टी-पॉइंट रेड कर मैच को बराबरी पर ला दिया, लेकिन दिल्ली की ओर से नीरज नरवाल ने तुरंत रेड प्वाइंट लेकर फिर बढ़त बना ली। अशिष नरवाल ने अंतिम रेड में एक प्वाइंट जरूर लिया, लेकिन वक्त खत्म हो चुका था।
नतीजा – दिल्ली की एक और जीत
दबंग दिल्ली ने 38-37 से ये मुकाबला जीत लिया, जो इस सीज़न में उनकी 8वीं जीत थी। कप्तान अशु मलिक ने शानदार Super 10 लगाते हुए एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों वो PKL 12 के सबसे भरोसेमंद रेडर्स में से एक हैं।
खेल भावना पर सवाल – हैंडशेक का ना होना
हालांकि, इस मुकाबले की सबसे बड़ी सुर्खी रही – हैंडशेक का ना होना। हरियाणा स्टीलर्स के खिलाड़ी रेफरी के कुछ फैसलों से बेहद नाराज़ नज़र आए और उन्होंने अंत में दबंग दिल्ली के खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।
इस घटना ने खेल भावना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रो कबड्डी जैसी लीग, जो हमेशा भाईचारे और स्पोर्ट्समैनशिप की मिसाल रही है, वहां इस तरह की स्थिति का बनना चिंता की बात है।
नज़रें अब लीग की प्रतिक्रिया पर
फिलहाल PKL आयोजकों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस मुद्दे पर लीग जल्द ही कोई सफाई देगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम उठाया जाता है।
यह मुकाबला सिर्फ स्कोर की लड़ाई नहीं था, बल्कि इमोशंस, गरिमा और खेल की मर्यादा की भी परीक्षा थी। एक तरफ जहाँ दबंग दिल्ली ने फिर से साबित किया कि वे क्यों इस सीज़न के सबसे खतरनाक टीम हैं, वहीं हरियाणा स्टीलर्स का विरोध दर्शाता है कि कबड्डी अब सिर्फ खेल नहीं, एक जुनून बन चुका है।