पवन सहरावत

पवन सहरावत

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पूरा नाम: पवन कुमार सहरावत

उप नाम: हाई-फ्लायर

जन्मतिथि: 9-जुलाई-1996

जन्म स्थान: दिल्ली, भारत

व्यवसाय: कबड्डी खिलाड़ी

रोल: रेडर

वर्तमान टीम : तमिल थलाईवाज

राष्ट्रीयता: 🇮🇳 भारत

रेडिंग आँकड़े

सीजनटीममैचकुल पॉइंट्ससफल रेडरेड पॉइंटसुपर 10sसुपर रेड
PKL 11 (2024)तेलुगु टाइटन्स1313410412985
PKL 10 (2022-23)तेलुगु टाइटन्स212171632021311
PKL 9 (2022)तमिल थलाइवाज111100
PKL 8 (2021)बेंगलुरु बुल्स24320244304186
PKL 7 (2019)बेंगलुरु बुल्स243602623461813
PKL 6 (2018)बेंगलुरु बुल्स242822092711312
PKL 5 (2017)गुजरात जायंट्स9105900
PKL 4 (2016)बेंगलुरु बुल्स101181100
PKL 3 (2016)बेंगलुरु बुल्स1353364501
Total1391388103213187048

डिफ़ेंडिंग आँकड़े

🏅 प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • PKL इतिहास में एक मैच में सर्वाधिक रेड पॉइंट्स (39 अंक)

  • PKL इतिहास में एक मैच के एक हाफ में सबसे ज्यादा पॉइंट्स (18)

  • PKL फाइनल में सर्वाधिक रेड पॉइंट्स (22 पॉइंट्स, सीजन 6)

  • PKL इतिहास में तीसरे सर्वाधिक कुल रेडर (1318 रेड पॉइंट्स)

  • 62–63% की स्ट्राइक रेट उनकी रेडिंग रणनीति की दक्षता को दर्शाती है

  • सीजन 6, 7, और 8 में पवन ने लगातार “ग्रीन स्लीव” यानी सर्वश्रेष्ठ रेडर का पुरस्कार जीता।

  • 2018 में सीजन 6 में 271 रेड पॉइंट्स, 2019 में सीजन 7 में 346, और 2021–22 में सीजन 8 में 304 रेड पॉइंट्स, इन तीनों सीज़नों में उन्होंने सर्वाधिक पॉइंट्स जुटाए

  • सीजन 7 में उन्होंने एक ही मैच में 39 रेड पॉइंट्स बनाए, जो PKL के इतिहास में एक मैच में सर्वाधिक रेड पॉइंट्स का रिकॉर्ड है

  • चोटिल होने के कारण सीजन 9 में केवल 1 मैच और 1 पॉइंट, लेकिन अगले सीजन (10) में 202 रेड पॉइंट्स के साथ शानदार वापसी हुई


पवन सहरावत: प्रो कबड्डी का ‘हाई-फ्लायर’ और सबसे महंगा खिलाड़ी

पवन सहरावत, भारत के एक पेशेवर कबड्डी खिलाड़ी हैं, जो अपनी तेज़ गति, दमदार रेडिंग और आक्रामक खेल शैली के लिए हाई-फ्लायर नाम से जाने जाते हैं। वर्तमान में वे भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान हैं, और प्रो कबड्डी लीग (PKL) में भी खेलते हैं। उनकी गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ कबड्डी खिलाड़ियों में होती है। 2023 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। वह PKL इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी है, उन्हे सीजन 10 में तेलुगु टाइटंस ने नीलामी से ₹2.605 करोड़ में खरीदा था।

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प्रारंभिक जीवन

पवन सेहरावत का जन्म 9 जुलाई 1996 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम राजबीर सिंह सेहरावत है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बवाना स्थित एक सरकारी स्कूल से पूरी की। शुरू से ही उन्हें खेलों में रुचि थी और कबड्डी के प्रति उनका जुनून समय के साथ और गहरा होता चला गया। कबड्डी में उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) में नौकरी भी मिली।


प्रो कबड्डी में पवन सहरावत का करियर

पवन सेहरावत ने प्रो कबड्डी लीग में अपना डेब्यू सीजन 3 ( वर्ष 2016) में बेंगलुरु बुल्स की ओर से किया और 13 मैचों में 45 रेड पॉइंट्स हासिल कर टीम के टॉप स्कोरर बने। लेकिन सीजन 4 में उनका प्रदर्शन गिरा, जहां वे 10 मैचों में केवल 11 पॉइंट्स ही जुटा सके। इसके बाद सीजन 5 में उन्हें गुजरात जायंट्स ने खरीदा, जहां वे मुख्य रूप से एक इम्पैक्ट रेडर की भूमिका में थे और 9 मैचों में 10 पॉइंट्स बनाए।

सीजन 6: करियर का टर्निंग पॉइंट

2018 में प्रो कबड्डी सीजन 6 में पवन ने बेंगलुरु बुल्स में वापसी की और इस बार उन्होंने तूफानी अंदाज़ में लीग में धमाका किया। पहले ही मैच में तमिल थलाइवाज़ के खिलाफ उन्होंने 20 रेड पॉइंट्स बनाए। इसके साथ ही उन्होंने अपने पहले 5 मुकाबलों में 4 सुपर 10 पूरे किए। पूरे सीजन में उन्होंने 282 रेड पॉइंट्स और 13 सुपर 10s के साथ बेंगलुरु बुल्स को पहली बार चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। फाइनल में उन्होंने गुजरात जायंट्स के खिलाफ 22 पॉइंट्स बनाए। वह सीजन के टॉप रेडर थे और उन्हें लीग का सबसे मूल्यवान खिलाड़ी (MVP) घोषित किया गया।

सीजन 7 और 8: सुपरस्टार का दौर

सीजन 7 में पवन सहरावत ने खुद को कबड्डी का सुपरस्टार साबित कर दिया। उन्होंने पूरे सीजन में 360 पॉइंट्स (346 रेड पॉइंट + 14 टैकल पॉइंट) बनाए और लीग के टॉप स्कोरर बने। इस दौरान उन्होंने हरियाणा स्टीलर्स के खिलाफ एक ही मैच में 39 रेड पॉइंट्स बनाए ऐसा करके उन्होंने परदीप नरवाल का एक मैच में सबसे अधिक रेड पॉइंट्स का रिकॉर्ड भी तोड़ा।

सीजन 8 में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा और उन्होंने 320 रेड पॉइंट्स बनाए, जिससे वे फिर एक बार सबसे सफल रेडर बने। उन्होंने 18 सुपर 10 भी बनाए, जो किसी भी खिलाड़ी द्वारा बनाए गए सर्वाधिक थे।

सीजन 9 और 10: चोट और वापसी

2022 में PKL सीजन 9 की नीलामी में पवन को तमिल थलाइवाज़ ने ₹2.26 करोड़ में खरीदा, जो कि उस समय तक की सबसे बड़ी बोली थी। हालांकि दुर्भाग्यवश, सीजन के पहले ही मैच में गुजरात जायंट्स के खिलाफ उन्हें घुटने में गंभीर चोट लग गई और वे पूरे सीजन से बाहर हो गए।

सीजन 10 से पहले तमिल थलाइवाज़ ने उन्हें रिलीज़ कर दिया और वे नीलामी में दोबारा शामिल हुए। इस बार तेलुगु टाइटंस ने उन्हें रिकॉर्ड ₹2.60 करोड़ में खरीदा, जिससे वे दो बार सबसे महंगे खिलाड़ी बनने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। सीजन 10 में वे टीम के कप्तान थे और उन्होंने 21 मैचों में कुल 217 पॉइंट्स बनाए हैं और इस समय लीग के तीसरे सबसे सफल रेडर थे।

सीजन 11: तेलुगु टाइटन्स

पवन सेहरावत ने प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) सीजन 11 में तेलुगु टाइटन्स के लिए खेला। उन्हें सीजन 11 की नीलामी में तेलुगु टाइटंस ने 1.725 करोड़ रुपये में खरीदा था। पवन को “रेडर ऑफ द डे” भी चुना गया, जब उन्होंने 13 रेड पॉइंट्स के साथ बेंगलुरु बुल्स के डिफेंस को आसानी से तोड़ दिया। हालांकि बीच सीजन में चोट के चलते उन्हे कुछ मैचों के लिए बाहर रहना पड़ा। 2024 में उन्होंने कुल 13 मैचों में कुल 134 पॉइंट्स बनाए।

सीजन 12: तमिल थलाइवाज

2025 में पीकेएल सीजन 12 की नीलामी में पवन सेहरावत को तमिल थलाइवाज ने ₹59.50 लाख में खरीदा है, इस बार वे चोटिल होने से बचते हुए फिर से वापसी करने की कोशिश करेंगे।


अंतरराष्ट्रीय करियर

पवन सेहरावत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 2019 के साउथ एशियन गेम्स में भारत के लिए खेलते हुए स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा, 2023 एशियन कबड्डी चैंपियनशिप में भी उन्होंने भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. पवन सहरावत की कुल संपत्ति कितनी है?
    पवन सहरावत की कुल संपत्ति लगभग 10-15 करोड़ रुपये के बीच बताई जाती है।
  2. पवन सहरावत की हाइट और वजन कितना है?
    पवन सहरावत की हाइट 5 फुट 8 इंच और वजन लगभग 82 किग्रा है।
  3. पवन सहरावत की कौन सी सर्जरी हुई थी?
    प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) सीजन 9 में तमिल थलाइवाज के लिए खेलने के दौरान लगी चोट के कारण पवन सहरावत ने अपने दाहिने घुटने के एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट की सर्जरी करानी पड़ी थी।
  4. पवन सहरावत की पत्नी कौन है?
    पवन सहरावत अविवाहित हैं और उनकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
  5. पवन सहरावत का निकनेम क्या है?
    पवन सहरावत का निकनेम “हाई-फ्लायर” है, क्योंकि वह डिफेंडर के कंधों पर से कूदकर और शेर की तरह छलांग लगाकर रेडिंग को अंजाम देते है। उनकी इस चपलता ने उन्हें बहुत प्रशंसा दिलाई है।