नेताजी इंडोर स्टेडियम (पूरा नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंडोर स्टेडियम) कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत में स्थित एक बहुउद्देशीय इनडोर स्पोर्ट्स एरिना है, जो ईडन गार्डन के ठीक बगल में स्थित है। इसकी बैठने की क्षमता 12,000 लोगों की है। इसका निर्माण विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप 1975 के आयोजन के लिए एक अत्याधुनिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था, और तब से यह कोलकाता में खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
नेताजी इंडोर स्टेडियम ने टेबल टेनिस, बास्केटबॉल, टेनिस और कबड्डी सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों को देखा है, जिससे यह कोलकाता के खेल इतिहास का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्तमान में यह प्रो कबड्डी लीग की फ्रेंचाईजी टीम बंगाल वॉरियर्स के घरेलू मैदान के रूप में जाना जाता है।
इतिहास
नेताजी इंडोर स्टेडियम का निर्माण मुख्य रूप से 1975 में विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए किया गया था। इस बड़े अंतर्राष्ट्रीय आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के उद्देश्य से एक आधुनिक और विशाल इनडोर स्टेडियम की आवश्यकता थी।
यह स्टेडियम तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बनाया गया था और इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया था कि यह विभिन्न प्रकार के इंडोर खेलों और बड़े आयोजनों को समायोजित कर सके। इसकी वास्तुकला और इंजीनियरिंग को उस समय की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया था ताकि बड़ी संख्या में दर्शकों को समायोजित किया जा सके और खेलों के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
शानदार संरचना, निर्माण और तकनीकी विवरण
नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंडोर स्टेडियम का निर्माण जनवरी 1975 में पूरा हुआ था। यह ₹2.91 करोड़ की लागत से बना एक वातानुकूलित इनडोर स्टेडियम-सह-एम्फीथिएटर है। स्टेडियम में 68 आरसीसी प्री-कास्ट दो-हिन्ग्ड पोर्टल हैं, जिनकी छत प्री-फैब्रिकेटेड ओपन वेब स्टील ट्रस और प्री-कास्ट टी-स्लैब से बनी है।
थर्मल इन्सुलेशन और वाटरप्रूफिंग:
स्लैब की कास्टिंग के समय वेब के दोनों ओर फ्लैंज के निचले भाग में 20 मिमी मोटा थर्मल इन्सुलेशन (thermal insulation) प्रदान किया गया था। ऊपरी और निचले छत की ढलान वाली सतह सहित पूरी छत को थर्मल इन्सुलेशन के लिए 50 मिमी मोटे थर्मोकोल (thermocol) से ढका गया है, जिसके ऊपर वाटरप्रूफिंग के लिए टारफेल्ट (tarfelt) लगाया गया है।
खेल का मैदान और क्षमता:
स्टेडियम का लकड़ी का फर्श क्षेत्र 76 मीटर x 28 मीटर (2128 वर्ग मीटर) है। स्टेडियम परिसर का कुल भूमि क्षेत्र 20,553 वर्ग मीटर है। स्टेडियम की कुल गैलरी क्षमता 12,126 दर्शकों की है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान लकड़ी के फर्श पर लगभग 2,000 कुर्सियों की क्षमता वाली अतिरिक्त बैठने की व्यवस्था भी प्रदान की जाती है।
ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण आयोजन
नेताजी इंडोर स्टेडियम ने कई ऐतिहासिक खेल आयोजनों की मेजबानी की है। यह विभिन्न प्रकार के खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।
यहाँ कुछ प्रमुख ऐतिहासिक खेल आयोजन दिए गए हैं जिनकी मेजबानी इस स्टेडियम ने की है:
- विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप (1975): यह स्टेडियम विशेष रूप से 1975 में विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए बनाया गया था। यह इस स्टेडियम के इतिहास में एक मील का पत्थर था।
- एशियाई बास्केटबॉल चैंपियनशिप (1981): इस स्टेडियम ने 1981 में एशियाई बास्केटबॉल चैंपियनशिप जैसे अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल आयोजनों की भी मेजबानी की है।
- सनफीस्ट ओपन (WTA टूर टेनिस टूर्नामेंट): स्टेडियम ने अतीत में डब्ल्यूटीए टूर टेनिस टूर्नामेंट, सनफीस्ट ओपन की भी मेजबानी की थी।
- एशियन जूनियर बास्केटबॉल चैंपियनशिप (1998 के मरम्मत के बाद)
- प्रो कबड्डी लीग: यह स्टेडियम प्रो कबड्डी लीग टीम बंगाल वॉरियर्स का घरेलू मैदान रहा है और लीग के कई सीज़नों में, जिसमें पहला सीज़न (2014) और हाल ही में सीज़न 10 (2023-24) भी शामिल है, रोमांचक कबड्डी मैचों की मेजबानी कर चुका है।
- अन्य इनडोर खेल: स्टेडियम का उपयोग बैडमिंटन, बास्केटबॉल, टेबल टेनिस और वॉलीबॉल जैसे विभिन्न इनडोर खेल आयोजनों के लिए किया जाता रहा है।
यहाँ मदर टेरेसा का अंतिम संस्कार (14 सितंबर 1997) का मुख्य समारोह भी हुआ था, जिसमें लगभग 13,000 लोगों की मौजूदगी और हिलेरी क्लिंटन समेत 50 से अधिक देशों के गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। इतना ही नहीं यह अमर्त्य सेन का राज्य स्वागत समारोह (27 दिसंबर 1998) का भी शाक्षी रहा है।
प्रो कबड्डी लीग में बंगाल वॉरियर्स का घरेलू मैदान
नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंडोर स्टेडियम, कोलकाता, प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह स्टेडियम बंगाल वॉरियर्स का घरेलू मैदान रहा है और प्रो कबड्डी के कई सीज़नों में मैचों की मेजबानी कर चुका है। यहाँ कुछ सीज़न दिए गए हैं जो इस स्टेडियम में खेले गए हैं:
- सीजन 1 (2014): लीग के उद्घाटन सीज़न से ही यह स्टेडियम प्रो कबड्डी का हिस्सा रहा है।
- सीजन 4 (2016): इस सीज़न में भी यहाँ मैच खेले गए थे।
- सीजन 5 (2017): कोलकाता लेग के दौरान यहाँ कई रोमांचक मैच हुए थे।
- सीजन 7 (2019): बंगाल वॉरियर्स के घरेलू मैचों सहित इस सीज़न में भी स्टेडियम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सीजन 10 (2023-24): हाल ही में संपन्न हुए सीज़न 10 में भी नेताजी इनडोर स्टेडियम में प्रो कबड्डी के कई लीग मैच आयोजित किए गए थे।
यह स्टेडियम प्रो कबड्डी लीग के “कारवां” प्रारूप का एक नियमित हिस्सा रहा है, जहाँ लीग के विभिन्न चरणों में अलग-अलग शहरों में मैच खेले जाते हैं। बंगाल वॉरियर्स के घरेलू मैदान के रूप में, इसने कोलकाता के कबड्डी प्रशंसकों को कई यादगार क्षण दिए हैं।
पुनः निर्माण/मरम्मत (मेंटेनेंस)
एक बड़ा और पुराना ढांचा होने के नाते, इसके रखरखाव और मरम्मत की आवश्यकता नियमित रूप से होती है ताकि यह अपनी कार्यक्षमता बनाए रख सके और सुरक्षित रहे। 1998 में कोलकाता स्थित नेताजी इंडोर स्टेडियम का मेंटेनेंस विशेष रूप से एशियाई जूनियर बास्केटबॉल चैम्पियनशिप (Asian Junior Basketball Championship) की मेजबानी के लिए किया गया था। यह एक बड़ा रखरखाव अभियान था, जिसके लिए खेल विभाग ने ₹65 लाख से अधिक की राशि प्रदान की थी।
इस रखरखाव के दौरान किए गए प्रमुख कार्य थे:
- लकड़ी के फर्श को पूरी तरह से बदलना: स्टेडियम के लकड़ी के फर्श को पूरी तरह से नया किया गया था। यह बास्केटबॉल जैसे खेलों के लिए खेल की सतह की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण था।
- प्रमुख सिविल और इलेक्ट्रिकल मरम्मत: फर्श बदलने के साथ-साथ, स्टेडियम में व्यापक सिविल और इलेक्ट्रिकल मरम्मत भी की गई थी। इसमें संरचनात्मक तत्वों की जांच, प्रकाश व्यवस्था, वातानुकूलन और अन्य विद्युत प्रणालियों की मरम्मत या उन्नयन शामिल रहा होगा।
इस स्टेडियम का रखरखाव आमतौर पर पश्चिम बंगाल सरकार के युवा और खेल विभाग (West Bengal Youth and Sports Department) द्वारा किया जाता है, जो स्टेडियम के प्रबंधन और संचालन के लिए जिम्मेदार है।
निष्कर्ष
नेताजी इंडोर स्टेडियम केवल एक खेल स्थल नहीं, बल्कि कोलकाता का सांस्कृतिक और सामाजिक प्रतीक है। इसकी आर्किटेक्चर, ऐतिहासिक आयोजनों की विरासत और दर्शकों की क्षमता इसे देश के प्रमुख इनडोर एरिनाओं में शामिल करती है। हालांकि समय के साथ कुछ संरचनात्मक मरम्मत की आवश्यकता बनी हुई है, फिर भी यह स्टेडियम आज भी शहर का एक जीवंत स्थल बना हुआ है।