पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पटना

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बिहार की राजधानी पटना के कंकड़बाग स्थित पत्रकार नगर के पास एक प्रमुख और बहुउद्देश्यीय खेल परिसर है।



पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, बिहार की राजधानी पटना के कंकड़बाग स्थित पत्रकार नगर के पास एक प्रमुख और बहुउद्देश्यीय खेल परिसर है। यह न केवल राज्य का सबसे बड़ा खेल केंद्र है, बल्कि पूरे भारत के खेल नक्शे पर बिहार की एक महत्वपूर्ण पहचान भी बन चुका है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह कॉम्प्लेक्स इनडोर और आउटडोर दोनों तरह के खेलों के आयोजन और प्रशिक्षण के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

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पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

स्थापना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन 1 मार्च 2012 को हुआ था और इसकी शुरुआत भारत की पहली महिला विश्व कप कबड्डी चैम्पियनशिप के साथ हुई थी। इस आयोजन में 16 देशों की महिला टीमों ने भाग लिया, जिससे यह खेल परिसर न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हुआ।

इस कॉम्प्लेक्स का निर्माण बिहार में खेलों के लिए विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना विकसित करने के उद्देश्य से किया गया था। इसका प्रबंधन बिहार राज्य खेल प्राधिकरण करता है, जो राज्य में खेल प्रतिभाओं के पोषण और विकास हेतु उत्तरदायी है।


प्रमुख विशेषताएं और संरचनाएं

यह विशाल कॉम्प्लेक्स लगभग 16 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें निम्नलिखित आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं:

  • एथलेटिक्स ट्रैक: 400 मीटर का पूर्ण आकार का एथलेटिक ट्रैक, जो दौड़ और ट्रैक इवेंट्स के लिए उपयुक्त है।
  • इंडोर हॉल: एक विशाल और उन्नत इंडोर स्टेडियम जिसमें फेंसिंग, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, जूडो, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कैरम, शतरंज, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो जैसे खेलों के लिए विशेष क्षेत्र हैं।
  • स्विमिंग पूल: पेशेवर खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए स्विमिंग पूल की सुविधा।
  • आवासीय सुविधा: लगभग 200 खिलाड़ियों के रहने की सुविधा के साथ डॉरमेटरी।
  • तकनीकी सुविधाएं: सीसीटीवी निगरानी, अत्याधुनिक साउंड सिस्टम, लाइव प्रसारण के अनुकूल लाइटिंग, और व्हीलचेयर-सुलभ प्रवेश और निकास।
  • ई-स्पोर्ट्स जोन: BGMI, Street Fighter 6 और EFootball जैसे खेलों के आयोजन की सुविधा।

खेल गतिविधियाँ और प्रशिक्षण केंद्र

यह कॉम्प्लेक्स कई प्रकार के खेलों की गतिविधियों और प्रशिक्षण के लिए उपयोग में लाया जाता है:

इंडोर खेल:

  • फेंसिंग (तलवारबाजी): इसके लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया हॉल है।
  • वॉलीबॉल: इंडोर वॉलीबॉल कोर्ट उपलब्ध हैं।
  • बास्केटबॉल: इंडोर बास्केटबॉल कोर्ट हैं।
  • जूडो: जूडो प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं हैं।
  • बैडमिंटन: बैडमिंटन कोर्ट भी उपलब्ध हैं।
  • कबड्डी: अक्सर कबड्डी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, खासकर महिला कबड्डी लीग।
  • बॉक्सिंग: बॉक्सिंग के लिए भी सुविधाएं मौजूद हैं।
  • टेबल टेनिस: टेबल टेनिस खेलने की सुविधा भी उपलब्ध है।
  • कैरम: कैरम के लिए भी जगह होती है।
  • ताइक्वांडो: ताइक्वांडो का भी अभ्यास और प्रतियोगिताएं होती हैं।
  • शतरंज (Chess): ई-स्पोर्ट्स के हिस्से के रूप में शतरंज भी शामिल किया गया है।
  • ई-स्पोर्ट्स (Esports): हाल ही में, खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे बड़े आयोजनों में BGMI, स्ट्रीट फाइटर 6, और EFootball जैसे ई-स्पोर्ट्स भी यहां आयोजित किए गए हैं।

आउटडोर खेल:

  • एथलेटिक्स: 400 मीटर का एथलेटिक ट्रैक है जहां दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद आदि एथलेटिक इवेंट्स होते हैं।
  • रग्बी 7s: एथलेटिक्स ग्राउंड पर रग्बी 7s के मैच भी खेले जाते हैं।
  • फुटबॉल: एक बड़ा मैदान है जहां फुटबॉल के मैच खेले जा सकते हैं।
  • टेनिस: टेनिस कोर्ट भी उपलब्ध हैं।
  • कुश्ती (Wrestling): कुश्ती के लिए भी सुविधाएं हैं।
  • साइकिलिंग (रोड): यद्यपि रोड साइकिलिंग सड़क पर होती है, लेकिन कॉम्प्लेक्स के पास से इसके लिए मार्ग निर्धारित किए जा सकते हैं और खिलाड़ी यहां से शुरुआत कर सकते हैं।
  • सेपकटाकरा: यह एक दक्षिण-पूर्व एशियाई खेल है जिसका आयोजन यहां होता रहा है।
  • तैराकी (Swimming): खिलाड़ियों के लिए एक स्विमिंग पूल है।

कुल मिलाकर, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एक बहुआयामी खेल केंद्र है जो विभिन्न खेलों के लिए सुविधाएं प्रदान करता है, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दोनों को लाभ होता है।


प्रमुख खेल आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजन:

  • पहली महिला विश्व कप कबड्डी चैम्पियनशिप (2012): यह इस कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के साथ ही आयोजित हुई थी, जिसमें दुनिया भर के 16 देशों की टीमों ने भाग लिया था। यह एक ऐतिहासिक आयोजन था जिसने कॉम्प्लेक्स को विश्व मंच पर पहचान दिलाई।
  • ISTAF सेपकटाकरा विश्व कप 2025: मार्च 2025 में, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ने ISTAF (अंतर्राष्ट्रीय सेपकटाकरा महासंघ) विश्व कप की मेजबानी की, जिसमें 20 देशों के सर्वश्रेष्ठ सेपकटाकरा खिलाड़ी शामिल हुए। यह बिहार के लिए एक और बड़ा अंतर्राष्ट्रीय आयोजन था।

राष्ट्रीय स्तर के आयोजन:

  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG) 2025: बिहार ने पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स के 7वें संस्करण की मेजबानी की, जिसमें पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एक प्रमुख आयोजन स्थल था। इसमें विभिन्न राज्यों के हजारों युवा एथलीटों ने 27 से अधिक खेलों में प्रतिस्पर्धा की। ई-स्पोर्ट्स को भी पहली बार एक प्रदर्शन कार्यक्रम के रूप में इसमें शामिल किया गया था।
  • नेशनल यूथ एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025: मार्च 2025 में 20वीं नेशनल यूथ एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का भव्य शुभारम्भ इसी खेल परिसर में हुआ। इसमें देश के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 500 से अधिक खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
  • ऑल इंडिया फेडरेशन कप रेसलिंग टूर्नामेंट (2012): उद्घाटन वर्ष में ही इस महत्वपूर्ण कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था।
  • 31वीं नेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप (2012): यह भी 2012 में ही कॉम्प्लेक्स में आयोजित हुई थी।
  • 40वीं सब-जूनियर नेशनल बास्केटबॉल चैम्पियनशिप (2013): इस राष्ट्रीय बास्केटबॉल टूर्नामेंट का भी यहां आयोजन हुआ था।
  • ऑल इंडिया बिहार कप फुटबॉल टूर्नामेंट (2013): फुटबॉल के क्षेत्र में भी बड़े आयोजन हुए हैं।
  • 75वीं सीनियर नेशनल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप (2014): टेबल टेनिस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय चैंपियनशिप यहां हुई थी।
  • 39वीं जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप (2014): बैडमिंटन के युवा खिलाड़ियों के लिए यह चैंपियनशिप भी यहां आयोजित की गई थी।
  • नेशनल स्कूल गेम्स: पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ने विभिन्न खेलों (जैसे एथलेटिक्स, फुटबॉल, सेपकटाकरा, फेंसिंग) के लिए 67वें और 68वें नेशनल स्कूल गेम्स के कई चरणों की मेजबानी की है।
  • इंडियन ओपन एथलेटिक्स मीट: जुलाई 2025 में इंडियन ओपन एथलेटिक्स मीट भी यहां पहली बार आयोजित होगी।
  • नेशनल जूनियर फेंसिंग चैम्पियनशिप: 32वीं नेशनल जूनियर फेंसिंग चैम्पियनशिप 2024-25 का भी आयोजन इंडोर हॉल में हुआ था।

इन बड़े आयोजनों से पता चलता है कि यह खेल परिसर न केवल बिहार के भीतर खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रमुख खेल आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है।


प्रो कबड्डी लीग में भूमिका

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स प्रो कबड्डी लीग में पटना पाइरेट्स टीम का घरेलू मैदान (Home Ground) रहा है। पटना पाइरेट्स लीग की सबसे सफल टीमों में से एक है, जिसने रिकॉर्ड तीन बार खिताब जीता है।

  • उद्घाटन वर्ष में मेजबानी (2014): पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ने प्रो कबड्डी लीग के पहले सीज़न (2014) में ही मैचों की मेजबानी की थी। उस समय, पटना पाइरेट्स के सात लीग मैच 7 से 10 अगस्त 2014 तक यहां खेले गए थे।
  • लंबे अंतराल के बाद वापसी (सीज़न 10 – 2023-24): 2019 में बाढ़ के कारण इसे काफी नुकसान पहुंचा था, जिसके चलते कई सालों तक यहां प्रो कबड्डी के मैच नहीं हो पाए थे। हालांकि, प्रो कबड्डी लीग के 10वें सीज़न (2023-24) में, लगभग चार साल के लंबे अंतराल के बाद, पटना पाइरेट्स ने अपने घरेलू मैदान पर वापसी की। जनवरी 2024 में यहां कई मैच खेले गए, जिसमें पटना पाइरेट्स ने बंगाल वॉरियर्स, पुनेरी पलटन, गुजरात जायंट्स और बेंगलुरु बुल्स जैसी टीमों का सामना किया।
  • आधुनिक सुविधाएं: 10वें सीज़न के लिए, कॉम्प्लेक्स के इंडोर स्टेडियम में काफी नवीनीकरण किया गया था। इसमें अत्याधुनिक सात-परत वाले लकड़ी के फर्श का निर्माण किया गया, जो विशेष रूप से कबड्डी जैसे तीव्र संपर्क वाले खेलों के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि खिलाड़ियों को चोट लगने का जोखिम कम हो और बेहतर उछाल मिल सके। इसके अलावा, बेहतर प्रकाश व्यवस्था और साउंड सिस्टम भी लगाए गए।
  • दर्शकों का उत्साह: पटना में प्रो कबड्डी लीग के मैचों को दर्शकों से जबरदस्त उत्साह मिलता है। पटना पाइरेट्स के घरेलू मैचों के दौरान स्टेडियम खचाखच भरा रहता है, और प्रशंसक अपनी टीम का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं।

निरंतर विकास:

उद्घाटन के बाद से, पाटलिपुत्र खेल परिसर लगातार विकसित हो रहा है। इसमें समय-समय पर नई सुविधाओं को जोड़ा जाता रहा है और इसका रखरखाव बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। हाल ही में (जून २०२५), यहां एक और विश्व स्तरीय बहुउद्देशीय इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू होने की भी जानकारी सामने आई है, जो बिहार में खेल सुविधाओं को और बेहतर बनाएगा।

संक्षेप में, यह खेल परिसर बिहार में खेल के बुनियादी ढांचे के विकास में एक मील का पत्थर साबित हुआ है और इसने राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


निष्कर्ष

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सिर्फ एक खेल परिसर नहीं, बल्कि बिहार के लिए खेल संस्कृति का प्रतीक बन चुका है। इसने राज्य के हजारों युवाओं को खेल के क्षेत्र में उभरने का मौका दिया है और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिहार को एक विशिष्ट पहचान दिलाई है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता है, यह कॉम्प्लेक्स और भी ज्यादा विकसित होता जा रहा है, और आने वाले वर्षों में यह भारत के सर्वश्रेष्ठ खेल स्थलों में से एक बनने की पूरी क्षमता रखता है।

कुल मिलाकर, इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ने प्रो कबड्डी लीग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर पटना पाइरेट्स के लिए एक मजबूत घरेलू आधार प्रदान करके।