
प्रो कबड्डी लीग की स्थापना के बाद से ही जयपुर पिंक पैंथर्स एक प्रमुख फ्रेंचाइज़ी के रूप में जानी जाती रही है। सीजन 1 की चैंपियन और सीजन 9 की विजेता इस टीम ने अब तक अपने खेल, रणनीति और संतुलन से प्रशंसकों को प्रभावित किया है। लेकिन पिछले सीजन (PKL सीजन 11) में प्लेऑफ तक का सफर तय करने के बावजूद खिताब से चूकने के बाद, टीम इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने को तैयार है।
हालांकि टीम ने PKL २०२५ सीजन के लिए नई कोचिंग यूनिट, नए रेडर्स, और एक रणनीतिक स्क्वॉड तैयार किया है, लेकिन क्या इस नई स्क्वॉड बिल्डिंग से टीम मजबूत हुई है? या फिर बड़े बदलाव के चक्कर में यह पहले से और कमजोर हो गयी है? आइए इसका पूरा विश्लेषण करते है।
स्क्वॉड की संरचना: मजबूती और कमजोरी का संतुलन
जयपुर पिंक पैंथर्स ने सीजन 12 के लिए एक नई रणनीति के साथ टीम तैयार की है। जहां उनका डिफेंस लीग का सबसे संतुलित और अनुभवी डिफेंस यूनिट हो सकता है, वहीं रेडिंग में अनुभव और गहराई की कमी साफ नजर आती है। कोच नरेंद्र रेडु का अनुभव और रणनीतिक सोच इस टीम के लिए निर्णायक कारक बन सकता है।
रेडर (Raider): नितिन कुमार धनखड़, उदय पार्टे, मंजीत दहिया, अली समदी चौबताराश, मीतू, विनय, सोमबीर, ऋतिक शर्मा, साहिल
डिफेंडर (Defender): आशीष कुमार, मोहित, रेज़ा मिर्बाघेरी, नितिन कुमार, अभिषेक के.एस., रोनक सिंह, आर्यन, साहिल देशवाल, दीपांशु
ऑल-राउंडर (All-Rounder): नितिन रावल
ताकत: मजबूत और गहराई वाला डिफेंस
जयपुर पिंक पैंथर्स ने अपने डिफेंस को इस सीजन के लिए मजबूत बनाया है। सबसे पहले तो टीम ने अपने स्टार ईरानी डिफेंडर रेज़ा मिर्बाघेरी को रिटेन किया है, जिन्होंने पिछले सीजन में 58 टैकल पॉइंट्स, 4 सुपर टैकल और 2 हाई-5 के साथ जबरदस्त प्रदर्शन किया था।
इसके अलावा राइट कॉर्नर रोनक सिंह, राइट कवर नितिन कुमार, और लेफ्ट कवर अभिषेक केएस जैसे डिफेंडर्स को भी बरकरार रखा गया है। डिफेंस की गहराई को और मजबूती देने के लिए टीम ने नितिन रावल को ₹50 लाख में खरीदा, जिन्होंने पिछले सीजन में 74 टैकल पॉइंट्स बटोरे थे।
डिफेंस लाइन में अन्य नाम जैसे दीपांशु, आर्यन, मोहित, साहिल देशवाल और आशीष कुमार भी टीम की गहराई को दर्शाते हैं।
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कमजोरी: अनुभवहीन रेडिंग यूनिट
जहां डिफेंस मजबूत दिखाई देता है, वहीं रेडिंग में अनुभव की कमी साफ दिखती है। टीम ने अपने कप्तान और लीड रेडर अर्जुन देशवाल को रिलीज कर सबको चौंका दिया। अर्जुन ने पिछले तीन सीजन में क्रमशः 296, 276 और 227 रेड पॉइंट्स अर्जित किए थे। उनकी अनुपस्थिति टीम की रेडिंग यूनिट को कमजोर बना सकती है।
नई उम्मीद नितिन कुमार धनखड़ को ₹1.002 करोड़ में खरीदा गया है। उन्होंने अब तक 34 मैचों में 287 रेड पॉइंट्स बनाए हैं। हालांकि उनमें क्षमता है, लेकिन अर्जुन जैसी निरंतरता और नेतृत्व क्षमता की कमी हो सकती है।
इसके अलावा, उदय पार्टे, मंजीत दहिया, और ईरानी रेडर अली सामदी को भी टीम में शामिल किया गया है, लेकिन ये सभी अभी तक बड़े मंच पर खुद को साबित नहीं कर पाए हैं। इसके अलावा अन्य खिलाड़ी जैसे रितिक शर्मा, विनय, मीटू, साहिल सतपाल, आर्यन, दीपांशु, मोहित, आशीष कुमार को भी इस सीजन में चमकने का मौका मिलेगा।
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जयपुर टीम की कोचिंग में बड़ा बदलाव
जयपुर की टीम का सबसे महत्वपूर्ण बदलाव उनके कोचिंग डिपार्टमेंट में देखने को मिला। टीम ने अनुभवी और दो बार के खिताबी कोच संजीव बालियान से अलग होकर नरेंद्र रेडु को मुख्य कोच नियुक्त किया है। नरेंद्र को हाल के वर्षों में एक रणनीतिक और मानसिक रूप से सशक्त कोच के रूप में उभरते देखा गया है।
उन्होंने पटना पाइरेट्स को दो बार प्लेऑफ और एक बार फाइनल (PKL सीजन 11) में पहुँचाया है। उनके कोचिंग स्टाइल में फिटनेस, युवाओं पर विश्वास और खिलाड़ियों की पर्सनल कंडीशनिंग शामिल होती है। जयपुर की टीम, जो अब एक नए सिरे से निर्माण की प्रक्रिया में है, उनके लिए नरेंद्र रेडु एकदम उपयुक्त कोच साबित हो सकते हैं।
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खतरे: असंतुलित स्क्वॉड और नेतृत्व की कमी
सबसे बड़ा खतरा टीम के लिए लेफ्ट कॉर्नर की स्थिति हो सकती है। टीम ने अंकुश राठी जैसे स्टार डिफेंडर को रिलीज कर बड़ा जोखिम उठाया है। अंकुश ने पिछले दो सीजन में कुल 138 टैकल पॉइंट्स अर्जित किए और सीजन 9 में टॉप डिफेंडर रहे।
इसके अलावा, टीम में ऑलराउंडर्स की कमी भी स्क्वॉड बैलेंस को प्रभावित कर सकती है। नितिन रावल अकेले ऑलराउंडर हैं, जो किसी भी चोट या खराब फॉर्म की स्थिति में बैकअप नहीं दे पाएंगे।
टीम कप्तानी के अनुभव से भी वंचित हो सकती है, क्योंकि अर्जुन देशवाल जैसे शांत और प्रेरणादायक लीडर की कमी इस बार महसूस हो सकती है। हालांकि टीम प्रबंधन ने एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से टीम तैयार की है — ऐसे में हमें युवा खिलाड़ियों से एक प्रेरक और जोशीला प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. जयपुर पिंक पैंथर्स ने इस बार नया कोच क्यों नियुक्त किया?
A. पिछले सीजन के बाद टीम ने संजीव बालियान से नाता तोड़ते हुए युवा और रणनीतिक कोच नरेंद्र रेडू को नियुक्त किया, जो पटना पाइरेट्स को फाइनल और प्लेऑफ तक पहुंचा चुके हैं।
Q2. अर्जुन देशवाल को रिलीज करना कितना बड़ा फैसला था?
A. यह एक साहसिक और चौंकाने वाला फैसला था क्योंकि अर्जुन देशवाल पिछले तीन सीजन में टीम के सबसे अहम खिलाड़ी और कप्तान थे।
Q3. इस सीजन जयपुर का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट क्या है?
A. उनका मजबूत डिफेंस यूनिट जिसमें ईरानी स्टार रेजा मिर्बाघेरी और नितिन रावल जैसे टॉप डिफेंडर्स शामिल हैं।
Q4. क्या जयपुर की रेडिंग यूनिट भरोसेमंद है?
A. टीम ने नितिन कुमार, मंजीत दहिया और उदय पार्टे जैसे नए रेडर्स को चुना है, लेकिन अर्जुन देशवाल की कमी जरूर खलेगी।
Q5. क्या जयपुर PKL 12 का खिताब जीत सकती है?
A. यदि रेडिंग यूनिट उम्मीदों पर खरी उतरी और डिफेंस ने अपनी लय बरकरार रखी, तो टीम खिताब की मजबूत दावेदार होगी।
नए मुख्य कोच के नेतृत्व में जयपुर पिंक पैंथर्स की नजरें तीसरे पीकेएल खिताब पर है, क्योंकि अगर युवा रेडर्स ने उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन किया और डिफेंस ने अपनी लय बरकरार रखी, तो जयपुर एक बार फिर से खिताब का प्रबल दावेदार बन सकता है।