
प्रो कबड्डी लीग सीज़न 12 (PKL 12) का यह सीजन कबड्डी प्रेमियों के लिए जितना रोमांच से भरा है, उतना ही विवादों से भी घिरा हुआ नजर आ रहा है। खासकर तब जब भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पवन सहरावत को तमिल थलाइवाज ने “डिसिप्लिनरी रीज़न” यानी अनुशासनात्मक कारणों के चलते टीम से बाहर कर दिया।
यह फैसला 12 सितंबर को तमिल थलाइवाज द्वारा इंस्टाग्राम पर साझा किया गया, लेकिन इसके पीछे की पूरी सच्चाई अब तक सामने नहीं आई है। ऐसे में पूरे कबड्डी जगत में इस फैसले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, और अब इस विवाद पर हरियाणा स्टीलर्स के कोच मनप्रीत सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कोच मनप्रीत सिंह का बयान: “पवन जैसा खिलाड़ी टीम से बाहर क्यों?”
15 सितंबर को गुजरात जायंट्स के खिलाफ हरियाणा स्टीलर्स की करीबी जीत (40-37) से पहले स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए, मनप्रीत सिंह ने तमिल थलाइवाज के इस फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
“देखिए, पवन सहरावत भारतीय टीम का कप्तान है। उसने एशियन गेम्स में देश के लिए मेडल जीता है। फिर भी बिना किसी स्पष्ट कारण के उसे टीम से बाहर कर दिया गया। असल में क्या हुआ, ये हम नहीं जानते, लेकिन वो एक बेहतरीन रेडर है। अगर वो टीम में रहता, तो शायद तमिल थलाइवाज के लिए और भी बेहतर प्रदर्शन करता।”
मनप्रीत सिंह का यह बयान साफ दिखाता है कि पवन के समर्थन में कबड्डी जगत के बड़े नाम खुलकर सामने आ रहे हैं, और टीम मैनेजमेंट के फैसलों पर सवाल उठ रहे हैं।
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तमिल थलाइवाज का फैसला और उसकी पारदर्शिता पर सवाल
तमिल थलाइवाज ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर बयान जारी कर कहा कि पवन को “टीम के अनुशासन और आचार संहिता का उल्लंघन” करने के चलते वापस भेजा गया है। हालांकि, उन्होंने अब तक कोई ठोस सबूत या जानकारी साझा नहीं की है।
गौर करने वाली बात यह है कि पवन सहरावत ने इस सीजन अब तक तीन मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने कुल 22 रेड पॉइंट्स जुटाए थे और एक सुपर रेड भी किया था। हालांकि, उन्हें एक भी सुपर 10 नहीं मिला। लेकिन क्या सिर्फ इतने पर उन्हें टीम से बाहर कर देना उचित था? यह सवाल अब फैंस और जानकारों को खटक रहा है।
पवन सहरावत ने तोड़ी चुप्पी, दिया करारा जवाब
तमिल थलाइवाज के आरोपों के जवाब में पवन सहरावत ने सोशल मीडिया के ज़रिए खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि,
“मैं एक प्रोफेशनल खिलाड़ी हूं और कभी भी टीम के अनुशासन के खिलाफ नहीं गया। अगर कोई ये साबित कर दे कि मैंने कोई गलती की है, तो मैं कबड्डी खेलना ही छोड़ दूंगा।”
पवन ने यह भी बताया कि उन्होंने सीजन 12 के लिए बड़े लक्ष्य और योजनाएं बनाई थीं, लेकिन टीम मैनेजमेंट की अंदरूनी दिक्कतों के कारण उनका सपना अधूरा रह गया।
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कबड्डी में पवन का रिकॉर्ड और कद
29 वर्षीय पवन सहरावत को PKL इतिहास के सबसे सफल रेडर्स में गिना जाता है।
- अब तक उन्होंने 142 मैचों में 1,340 पॉइंट्स बनाए हैं।
- सीज़न 6 में बेंगलुरु बुल्स को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
- 2022 एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया और
- 2023 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित भी हुए।
PKL सीजन 12 के ऑक्शन में उन्हें ₹59.5 लाख की कीमत पर तमिल थलाइवाज ने खरीदा और टीम का कप्तान भी बनाया। ऐसे में इस तरह का विवाद उनका करियर और मानसिक स्थिति दोनों पर असर डाल सकता है।
दिग्गजों ने भी की पारदर्शिता की मांग
इस विवाद पर सिर्फ मनप्रीत सिंह ही नहीं, बल्कि राहुल चौधरी, कमेंटेटर सुनील तनेजा और कोच रणधीर सिंह सहरावत जैसे कई दिग्गज भी अपनी आवाज उठा चुके हैं। सभी का यही कहना है कि खिलाड़ियों के भविष्य से जुड़ी किसी भी कार्रवाई में पारदर्शिता होनी चाहिए और उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए।
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पवन के साथ न्याय या जल्दबाज़ी?
इस पूरी घटना ने प्रो कबड्डी लीग में टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों के बीच विश्वास के मुद्दे को उजागर किया है। मनप्रीत सिंह जैसे अनुभवी कोच का समर्थन यह दिखाता है कि पवन के साथ जो हुआ, वह कहीं न कहीं सवालों के घेरे में है।
अब देखना यह होगा कि लीग अथॉरिटीज़ इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती हैं और क्या पवन सहरावत को दोबारा खेलते देखने का मौका फैंस को मिलेगा या नहीं।
PKL के इस चर्चित विवाद पर आपकी क्या राय है? क्या पवन को टीम से बाहर करना सही था? अपने विचार कमेंट में जरूर साझा करें।