
प्रो कबड्डी लीग सीज़न 12 (PKL 2025) इस बार सिर्फ अपने मुकाबलों के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े विवाद के चलते भी सुर्खियों में है। भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान और अर्जुन पुरस्कार विजेता पवन सहरावत को तमिल थलाइवाज फ्रेंचाइज़ी ने डिसिप्लिन (अनुशासन) के उल्लंघन के कारण मिड-सीज़न ही घर भेज दिया। इस चौंकाने वाले फैसले ने ना सिर्फ फैंस को, बल्कि कबड्डी के दिग्गजों को भी हैरानी में डाल दिया।
पवन सहरावत ने इस मामले में अपनी सफाई भी पेश कि लेकिन इस पूरे मामले में अब एक बड़ी आवाज़ सामने आई है – कोच रणधीर सिंह सहरावत, जो ना सिर्फ पवन के गुरु रहे हैं बल्कि उन्हें करीब 10-12 सालों से जानते हैं। उन्होंने खुलकर पवन का समर्थन किया है और इस फैसले को “अन्याय” बताया है।
आखिर क्या है पवन और तमिल थलाइवाज के बीच विवाद की वजह
तमिल थलाइवाज और पवन सहरावत के बीच विवाद की मुख्य वजह “अनुशासनहीनता” (disciplinary issues) को बताया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे की असली कहानी अभी भी पूरी तरह से सामने नहीं आई है। दरअसल शनिवार, 13 सितम्बर 2025 को तमिल थलाइवाज फ्रेंचाइज़ी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि “पवन सहरावत को टीम के ‘code of conduct’ का पालन न करने और अनुशासनहीन व्यवहार के कारण टीम से बाहर भेजा गया है।“
क्योंकि ये एक बहुत ही गंभीर आरोप था, ऐसे में अगले ही दिन पवन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और यहां तक कह डाला कि “अगर इन आरोपों में 1% भी सच्चाई है, तो मैं कबड्डी हमेशा के लिए छोड़ दूंगा।” इस बयान से साफ जाहिर होता है कि पवन खुद को बेगुनाह मानते हैं और उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया गया है।
कोच रणधीर सिंह सहरावत का पवन के पक्ष में बड़ा बयान
पवन के लंबे समय के कोच रणधीर सिंह सहरावत ने तमिल थलाइवाज के इस फैसले को “अन्याय” करार दिया और कहा:
“जो दो-तीन दिन पहले मेरे शिष्य पवन सहरावत के साथ हुआ, वो गलत हुआ। अभी वह भारतीय टीम का कप्तान है, और एक साल पहले ही अर्जुन अवॉर्ड मिला है। एक व्यक्ति की बात पर किसी खिलाड़ी को अनडिसिप्लिन्ड नहीं कहा जा सकता। मैंने उसे बेटे की तरह पाला है। वो बेहद अनुशासित है।”
उन्होंने एक पुराना वाकया याद करते हुए बताया:
“एक बार उसने गलती की, मैंने थप्पड़ मारा, लेकिन उसने मेरी आंखों में देखना तो दूर, सिर झुकाकर खड़ा रहा। अगर वह अनुशासनहीन होता, तो मेरा भी विरोध करता।”
रणधीर सिंह ने सीधे-सीधे सवाल उठाए कि आखिर इस फैसले के पीछे कौन है? उन्होंने कहा कि टीम के मालिक एक अच्छे इंसान हैं और कोच संजीव बलियान जो खुद मेरे शिष्य रह चुके हैं, और अनुशासन में विश्वास रखते हैं, ऐसा नहीं कर सकते।
“ना तो मालिक ऐसा कर सकते हैं, ना कोच। तो फिर कौन है जो टीम इंडिया के कप्तान के भविष्य के साथ खेल रहा है?”
पवन सहरावत का प्रदर्शन और भविष्य पर असर
इस विवाद से पहले पवन ने इस सीज़न में अब तक 3 मुकाबले खेले, जिसमें उन्होंने 22 रेड पॉइंट्स हासिल किए। एक शानदार सुपर रेड भी की, हालांकि सुपर 10 नहीं बना सके। बावजूद इसके, पवन जैसे अनुभवी खिलाड़ी को सीज़न के बीच में बाहर कर देना न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे PKL की साख के लिए भी खतरे की घंटी है।
रणधीर सिंह ने इस पर भी चिंता जताई:
“इस तरह के मामले PKL की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। ये लीग लाखों खिलाड़ियों और फैंस की मेहनत का नतीजा है। आज ये भारत की क्रिकेट के बाद दूसरी सबसे बड़ी लीग है। अगर किसी एक की वजह से इस तरह के विवाद होंगे तो नुकसान पूरे खेल को होगा।”
अपील और उम्मीद
रणधीर सिंह ने लीग कमिश्नर अनुपम गोस्वामी और अन्य अधिकारियों से अपील की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और पवन को न्याय मिले।
“अगर वाकई गलती थी, तो उसे बैठाकर समझाया जा सकता था। कहा जा सकता था – तुम अच्छे खिलाड़ी हो, ऐसा मत करो। लेकिन एकदम से बाहर करना गलत है।”
उन्होंने अंत में कहा:
“पवन ने भारत को ईरान के खिलाफ फाइनल में गोल्ड मेडल जिताया। वो 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे खिलाड़ी को एक घटना के आधार पर बाहर कर देना कहां तक सही है?”
पवन सहरावत बनाम तमिल थलाइवाज विवाद ने PKL 12 को नए विवाद के मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। जहां फ्रेंचाइज़ी अनुशासनहीनता का आरोप लगा रही है, वहीं कोच रणधीर सिंह सहरावत पवन की छवि और करियर के लिए खुलकर सामने आए हैं।
अब देखना यह होगा कि PKL की शीर्ष प्रबंधन टीम इस मामले को किस तरह सुलझाती है। फैंस की नजरें अब लीग के अगली आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं, और उम्मीद यही की जा रही है कि इस युवा सितारे का करियर किसी आंतरिक राजनीति का शिकार ना बने।