PKL 12: क्या पवन सहरावत सीजन के बीच बदल सकते हैं टीम? जानिए क्या कहता है प्रो कबड्डी का नियम

PKL 12 में तमिल थलाइवाज ने अपने कप्तान पवन सेहरावत को अनुशासनात्मक कारणों से सीजन के बीच में टीम से बाहर कर दिया है। क्या वह किसी दूसरी टीम से जुड़ सकते हैं? जानिए प्रो कबड्डी लीग के नियम क्या कहते हैं।



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PKL 12: क्या पवन सेहरावत सीजन के बीच बदल सकते हैं टीम? जानिए क्या कहता है प्रो कबड्डी का नियम
PKL 12: क्या पवन सेहरावत सीजन के बीच बदल सकते हैं टीम? जानिए क्या कहता है प्रो कबड्डी का नियम

PKL 12 Pawan Sehrawat Release Tamil Thalaivas Transfer Rule: प्रो कबड्डी लीग सीजन 12 (PKL 2025) के बीचों-बीच एक चौंकाने वाला फैसला सामने आया है, जब तमिल थलाइवाज ने अपने स्टार रेडर और कप्तान पवन सेहरावत को टीम से बाहर कर दिया। इस फैसले ने न केवल टीम के प्रशंसकों को हैरान किया, बल्कि पूरे कबड्डी जगत में हलचल मचा दी। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि तमिल थलाइवाज से रिलीज किए जाने के बाद क्या अब पवन सेहरावत बीच सीजन किसी अन्य टीम से जुड़ सकते हैं?

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PKL 2025 में कप्तान बनाकर बाहर किए गए पवन सेहरावत

पवन सहरावत को सीजन की शुरुआत में तमिल थलाइवाज ने अपनी टीम में शामिल किया था और उन्हें टीम का कप्तान भी नियुक्त किया गया था। लेकिन केवल तीन मैचों के बाद ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। फ्रैंचाइज़ी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि यह फैसला अनुशासनात्मक कारणों के चलते लिया गया है।

बयान में कहा गया,“पवन को टीम के कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के कारण शेष सीजन के लिए टीम से बाहर किया गया है। यह निर्णय पूरी विचार-विमर्श प्रक्रिया के बाद लिया गया है।”

इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया कि पवन अब तमिल थलाइवाज के साथ इस सीजन में आगे नहीं खेलेंगे।


यहाँ देखें: PKL 2025: पवन सहरावत बोले – “यदि आरोप साबित कर दे तो मैं कबड्डी छोड़ने को तैयार!”


क्या पवन सेहरावत बीच सीजन किसी और टीम से जुड़ सकते हैं?

इस घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पवन सेहरावत PKL 12 के बीच में किसी दूसरी टीम के लिए खेल सकते हैं?

इसका सीधा और स्पष्ट जवाब है – नहीं।

हालांकि सोशल मीडिया पर कई अटकलें लगाई जा रही थीं कि पवन शायद किसी दूसरी टीम के साथ जुड़ सकते हैं, लेकिन प्रो कबड्डी लीग के नियम इसकी अनुमति नहीं देते। तमिल थलाइवाज ने उन्हें “रिलीज” नहीं किया है, बल्कि “घर भेजा है” — यानी वह अब भी आधिकारिक तौर पर फ्रैंचाइज़ी के साथ अनुबंध में हैं। जब तक वह पूरी तरह से रिलीज नहीं किए जाते, तब तक वह किसी अन्य टीम से नहीं खेल सकते।

प्रो कबड्डी में मिड-सीजन ट्रांसफर विंडो का कोई प्रावधान नहीं है, जैसा कि कई अन्य लीगों (जैसे फुटबॉल) में होता है। खिलाड़ियों का चयन केवल नीलामी और रिटेंशन प्रक्रिया के माध्यम से ही संभव होता है। इसलिए पवन सेहरावत के लिए इस सीजन में किसी और टीम के साथ खेलना लगभग नामुमकिन है।


पवन सेहरावत का भावुक बयान

टीम से बाहर किए जाने के बाद पवन सेहरावत ने एक इमोशनल वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपना पक्ष रखा। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन यह साफ झलक रहा था कि टीम के अंदर किसी व्यक्ति विशेष से मतभेद हुए हैं।

उन्होंने कहा:“फ्रैंचाइज़ी ने मुझ पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया है। मैं भारतीय टीम का हिस्सा रहा हूं और मुझे पता है कि अनुशासन क्या होता है। अगर मुझ पर लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं, तो मैं कभी भी दोबारा कबड्डी नहीं खेलूंगा।”

इस बयान से यह साफ हो गया कि मामला सिर्फ खेल का नहीं, बल्कि आपसी मतभेद और संवादहीनता का भी है।


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पवन का प्रदर्शन और टीम पर असर

पवन सेहरावत ने इस सीजन में अब तक केवल तीन मैच खेले, जिनमें उन्होंने 22 रेड पॉइंट्स हासिल किए। हालांकि उनके प्रदर्शन में वह चमत्कारिक लय नहीं दिखी जो उनसे उम्मीद की जाती थी — ना ही कोई सुपर 10, लेकिन उन्होंने एक शानदार सुपर रेड जरूर की थी।

तमिल थलाइवाज ने उन्हें ₹59.5 लाख में खरीदा था, और उन्हें कप्तान बनाकर टीम की जिम्मेदारी सौंपी थी। ऐसे में पवन का अचानक बाहर होना टीम के स्ट्रैटेजी और संतुलन को प्रभावित कर सकता है।


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मिड सीजन प्लेयर ट्रांसफर नियम क्या कहते हैं और आगे क्या?

प्रो कबड्डी लीग के नियमों के अनुसार, बीच सीजन किसी खिलाड़ी का ट्रांसफर या टीम बदलना संभव नहीं है, जब तक कि उसे आधिकारिक रूप से रिलीज ना किया गया हो। चूंकि पवन सेहरावत अभी भी तमिल थलाइवाज के अनुबंध में हैं और टीम ने उन्हें केवल “घर भेजा है”, इसलिए वह PKL 12 के शेष हिस्से में किसी भी टीम के लिए नहीं खेल सकते

अब पवन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि तमिल थलाइवाज उन्हें पूरी तरह से रिलीज करते हैं या नहीं, और साथ ही लीग के अधिकारी इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।

फिलहाल, पवन सेहरावत के लिए यह एक मनोवैज्ञानिक और करियर का टर्निंग पॉइंट बन सकता है। वहीं तमिल थलाइवाज को भी अब बिना अपने कप्तान के आगे बढ़ना होगा, जो निश्चित ही उनके लिए आसान नहीं होगा।


इस विवाद का लीग पर क्या असर होगा?

यह मामला कबड्डी की दुनिया में खिलाड़ियों और फ्रैंचाइज़ी के बीच के रिश्तों, अनुशासन, और संवाद की अहमियत को उजागर करता है। पवन सेहरावत जैसे बड़े खिलाड़ी के साथ ऐसा विवाद होना लीग के लिए भी एक चेतावनी है कि भविष्य में ऐसी स्थिति को कैसे रोका जाए।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पवन अगली नीलामी में किसी नई टीम के साथ जुड़ते हैं या तमिल थलाइवाज के साथ उनका कोई समाधान निकलता है। फिलहाल, इस सीजन में उनके खेलने की संभावना न के बराबर है।

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